जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक सम्पन्न मातृ एंव शिशु मृत्यु दर रोकने के लिए उठाए जाएं कारगर कदम-जिलाधिकारी
1 min read
ब्यूरो रिपोर्ट नफीस अहमद खान
श्रावस्ती 27 जून 2020
जिले में मातृ एंव शिशु मृत्यु दर अन्य जनपदों की तुलना में अधिक है, जो चिंता का विषय है। इसे रोके बिना स्वस्थ्य समाज की परिकल्पना नही पूरी की जा सकती है, इसलिए मातृ एंव शिशु मृत्यु दर पर रोकथाम के लिए कारगर कदम उठाए जाएं ताकि स्वास्थ्य के देखभाल के अभाव में जिले में किसी भी गर्भवती/धात्री महिला एंव नवजात शिशुओं की मौत न होने पाए।
उक्त विचार कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक की अध्यक्षता करने के दौरान जिलाधिकारी सुश्री यशु रूस्तगी ने व्यक्त किया। उन्होने जोर देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग के मुखिया से लेकर उनके अधीनस्थ प्रभारी चिकित्साधिकारियों के साथ ही स्वास्थ्य निरीक्षक, ऐनम, आशा बहू, आशा संगनियो को अब विशेष ध्यान रखकर दायित्व बोध के साथ काम करना होगा। इसके लिए उन्होने जिले की हर गर्भवती महिलाओं से लेकर नवजात शिशुओं का समय से टीकाकरण के साथ-साथ स्वास्थ्य परीक्षण कराकर उन्हे समय से इलाज मुहैया कराकर स्वस्थ्य बनाना होगा, ताकि जिले की मातृ एंव शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सके। जिलाधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रवार मातृ एंव शिशु मृत्यु दर की समीक्षा की और मृत्यु के कारणों का विश्लेषण करते हुए सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए, उन्होने यह भी निर्देश दिया कि यदि भविष्य में कोई भी मातृ एव शिशु की प्रसव से पूर्व प्रसव के दौरान या प्रसव केे पश्चात मृत्यु होती है तो सम्बन्धित प्रभारी चिकित्साधिकारियों को मृत्यु का कारण जच्चा-बच्चा की प्रसव पूर्व की गई देख भाल एवं टीकाकरण /पोषण सम्बन्धी दी गई सुविधाओं के विषय में स्थिति स्पष्ट करनी होंगी।
समीक्षा के दौरान पी0पी0 आयु सी0डी0 सेवा हेतु प्रेरक का प्रोत्साहन राशि इकौना-181 एवं भिनगा में 235 का भुगतान लम्बित पाये जाने पर गहरी नाराजगी जताते हुए सम्बन्धित प्रभारी चिकित्साधिकारियों को तत्काल भुगतान कराने का निर्देश दिया है। जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा मे घरेलू प्रसव ज्यादा पाए जाने पर जिलाधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया है कि संस्थागत प्रसव पर विशेष बल दिया जाये ताकि जच्चा एवं बच्चा दोनो स्वस्थ्य रहें। अब सभी ए0एन0एम0 के पास स्कूटी क्षेत्र में भम्रण हेतु दी गई है, अतएवं सभी ए0एन0एम0 अपने-अपने क्षेत्रों में भम्रणकर स्वास्थ्य कार्यक्रमों में और तेजी लावे। बैठक के दौरान यह ज्ञात हुआ कि कई ए0एन0एम0 अपनी डियूटी से नदारद है जिससे कार्य प्रभावित हो रहा है। इस प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को अनुपस्थिति ए0एन0एम0 के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही करने का निर्देश दिया।
टीकाकरण की समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि कई क्षेत्रों में डियू लिस्ट ढ़ग से न बनाने के कारण शतप्रतिशत टीकाकरण में कठिनाई हो रही है। इसलिए जिलाधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया है कि डियु लिस्ट ढ़ग से तैयार कराए ताकि कोई भी पात्र गर्ववती महिला एवं बच्चें टीकाकरण से वचित न रहने पावें
जिलाधिकारी ने सभी सम्बंधित प्रभारी चिकित्साधिकारियोें को निर्देश दिया है कि वे ए0एन0एम0 और आशाओं के माध्यम से परिवार नियोजन के साधनों का व्यापक प्रचार प्रसार कराकर जरूरत मंदो को उपलब्ध कराए। वही जननी सुरक्षा योजना के तहत लाभार्थियों के भुगतान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भिनगा व सिरसिया में लम्बित पाये जाने पर सम्बन्धित प्रभारी चिकित्साधिकारियों को भुगतान हेतु निर्देश दिया है।
जिलाधिकारी द्वारा अपेक्षा की गई की वे एनेम वे ऐनम और आशाओं के माध्यम से परिवार नियोजन के बारे में तैनाती स्थलों के गांवों में जानकारी दिलाई जाए और उन्हे यह बताएं कि परिवार बड़ा होने पर उनके भरण पोषण में दिक्कत होती है। उन्होंने कहा कि परिवार बडा होने से बच्चों की पढ़ाई पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, इसलिए लोगों को परिवार सीमित रखने के लिए परिवार नियोजन अपनाना आज के परिवेश में महती आवश्यकता है। प्रदेश के अन्य जिलों की अपेक्षा इस जिले में परिवार की वृद्धि दर अधिक है। जनसंख्या वृद्धि रोकने के लिए सरकार की ओर से परिवार नियोजन के लिए अस्पताल के माध्यम से कई सुविधाएं जरूरत मन्दो को निशुल्क दी जा रही है। इसके साथ ही उन्हें प्रोत्साहन स्वरूप महिला नसबंदी के लिए दो हजार, पुरुष नसबंदी के लिए तीन हजार, प्रसव के बाद कापर टी लगवाने पर 300 रुपए की धनराशि दी जा रही है। जिले के सभी अस्पतालों में पुरूष महिला नसबन्दी, महिलाओं को प्रसव के बाद कापर टी, अंतरा इंजेक्शन, छाया टेबलेट, ओरल पिल्स, माला एन एवं निरोध भी मुफ्त दिया जा रहा है। इसे जरूरत मन्द अपनाकर अपना एवं अपने परिवार का जीवन खुशहाल बना सकते है।
समीक्षा के दौरान यह ज्ञात हुआ कि एनआरसी में अतिकुपोशित बच्चों की उपस्थिति कम हो रही है। इस पर उन्होने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने जिले में जितने भी मरीज ओपीडी में आते हैं उनमे से तीन प्रतिशत मरीजों का क्षय रोग परीक्षण कराने का भी निर्देश दिया है। इस दौरान जिलाधिकारी प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना, जननी सुरक्षा योजना, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना एंव हाई रिस्क गर्भवती की पहचान सहित स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित अन्य कार्यक्रमों की भी गहन समीक्षा की तथा बेहतर ढंग से कार्य कर जन-जन को स्वस्थ्य रखने का निर्देश दिया।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अवनीश राय, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ0 ए0पी भार्गव, जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा सिंह, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी मुकेश मातन हेलिया, संयुक्त जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, डब्ल्यूएचओ की एसएमओ डाॅ0 प्रिया बंसल सहित सभी प्रभारी चिकित्साधिकारीगण, डीसीपीएम एंव बीसीपीएम उपस्थित रहे।
टॉप वन इंडिया न्यूज़ चैनल