राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के आदेश के अनुपालन में विधिक साक्षरता शिविर विषय ‘‘कोविड 19 महामारी से बचाव एवं उपचार हेतु जागरूकता
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ब्यूरो रिपोर्ट आरिफ खान
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के आदेश के अनुपालन में विधिक साक्षरता शिविर विषय ‘‘कोविड 19 महामारी से बचाव एवं उपचार हेतु जागरूकता, वरिष्ठ नागरिको के अधिकार एव संरक्षण प्ली बार्गेनिंग, श्रमिको के अधिकार तथा कर्तव्य, शासन द्वारा संचालित योजनाओ की जानकारी ‘‘ आदि
विषयों पर दिनांक 16.07.2020 को अपरान्ह समय 12.30 बजे से स्थान – जूनियर हाईस्कूल सनौढा तराई थाना सिरसिया, तहसील भिनगा, जनपद श्रावस्ती में आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ श्री प्रशांत कुमार सिंह, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्रावस्ती के द्वारा किया गया।
उक्त कार्यक्रम मे सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्रावस्ती श्री प्रशांत कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना वैश्विक महामारी है। उन्होने ने यह भी बताया कि अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने हेतु कोई टीका नही बना है। इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने मे तकलीफ, नाक बहना, और गले मे खरास जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है। संक्रमण हो जाने पर जब तक आप ठीक न हो जाये, तब तक आप दूसरो से अलग रहे। इसके संक्रमण से बचने के लिए हाथो को साबुन से धोना चाहिए, अल्होकल आधारित हैंड सेनेटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए, खंासते या छींकते समय नाक और मुंह पर रूमाल या टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करना चाहिए। मास्क को ऐसे पहनना चाहिए कि आपकी नाक मुंह और दाढी का हिस्सा उससे ढका रहे। सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना चाहिए। सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्रावस्ती ने जागरूकता शिविर मे बताया कि वरिष्ठ नागरिको के अधिकार कानूनन सुरक्षित हैै। किसी भी वरिष्ठ नागरिक को कोई परेशानी हो तो वो कानून की मदद ले सकते है। जिस तरह से किसी पेड को मजबूत होने के लिए उसका जमीन मे गहरी जड होना जरूरी है, उसी तरह परिवार को फलने -फूलने व एक साथ रहने के लिए बुर्जग की जरूरत होती है। उन्होने प्ली बारगेनिंग एवं श्रमिको अधिकार तथा कर्तव्य आदि विषयो पर विस्तार से चर्चा की।
उक्त कार्यक्रम में श्री प्रफुल्ल उपाध्याय न्यायिक मजिस्ट्र्ेट, श्रावस्ती ने कहा कि कोरोना मिलते-जुलते वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदो के जरिये फैलता है। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सार्वजनिक स्थान पर एकत्रित न हो। कोरोना एक विषाणु जनित रोग है, जिसने महामारी का रूप ले लिया है और समस्त संसार मे तबाही मचा रहा है। इसकी शुरूवात जुकाम एवं खांसी मात्र से होती है, जो धीरे-धीरे चलकर एक विकराल रूप ले लेती है। और इससे शरीर के अन्य अंग प्रभावित हो रहे है।
उक्त कार्यक्रम में श्री शुभम द्विवेदी, अपर सिविल जज, अवर खंड, श्रावस्ती ने बताया कि जब कोई वायरस से संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा मे फैलते है, इन कणो मे कोरोना वायरस के विषाणु होते है। सोशल डिस्टेसिंग का मतलब होता है, एक दूसरे से उचित दूरी पर रहना ताकि संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके। यही इसका एकमात्र बचने का उपाय है।
उक्त कार्यक्रम में श्री विष्णु दत्त अस्थाना, वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि भारत मे कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ रहे है। घनी आबादी और कोरोना वायरस के तेजी से फैलते संक्रमण को देखते हुए भारत मे सोशल डिस्टेसिंग का पालन और अहम हो जाता है। उनके द्वारा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाने मे मदद करने वाले उपाय भी बताये गये।
उक्त कार्यक्रम में श्री अशोक कुमार दूबे, पुलिस निरीक्षक, अरविन्द कनौजिया , वीरेन्द्र कुमार, गा्रम प्रधान, तारिक अहमद, गुलिस्ता आरा, स्वामीनाथ, लल्लू प्रसाद, रवि प्रकाश, सर्वेश कुमार, अनुराग गुप्ता, श्रम विभाग, ज्ञानेन्द्र आदि उपस्थित रहे
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