कोरोना निर्देश व नकल अध्यादेश की उड़ रही है धज्जियां
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रिपोर्ट – सद्दाम हुसैन
देवरिया: (उ0प्र0) देवरिया जिले मे दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध महाविद्यालयों की प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं तहसील क्षेत्र के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर संपन्न हो रही हैं। अधिकांश परीक्षा केंद्रों पर न केवल कोरोना गाईड लाईन की सरेआम धज्जियां उड़ रही हैं बल्कि नकल के लिए पहले से बदनाम कुछ परीक्षा केंद्रों पर तो नकल अध्यादेश की भी खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। नकल माफियाओं के लिए बहुविकल्पीय प्रश्न पत्रों से होने वाली परीक्षा में नकल कराना अत्यंत आसान कार्य हो गया है। मिली जानकारी के अनुसार तहसील क्षेत्र के दर्जनभर महाविद्यालयों में विश्वविद्यालय परीक्षाए वीते एक सप्ताह से चल रही है। कुछ बदनाम परीक्षा केंद्रों के परीक्षार्थियों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया नकल कराने के नाम पर उनसे धन उगाही की गई है और इसके वदले मे परीक्षा अवधि के दौरान 10 मिनट के लिए सीसीटीवी कैमरे की वॉइस रिकॉर्डिंग बंद कर बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर दरवाजे पर खड़े होकर बता दिया जा रहा है। यदि इन बदनाम परीक्षा केंद्रों के सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग का किसी सक्षम जांच एजेंसी से जांच कराई जाए तो इस पूरे गड़बड़ झाले का खुलासा हो जाएगा। इतना ही नहीं अधिकांश परीक्षा केंद्रों पर कोरोना गाईड लाईन का भी जमकर उल्लंघन किया जा रहा है ।प्रदेश सरकार का निर्देश परीक्षा केंद्रों पर पर्याप्त मात्रा में थर्मल स्कैनर, आक्सोमीटर और प्रत्येक परीक्षा कक्ष में सैनिटाइजर की व्यवस्था किया जाए। प्रत्येक पाली के परीक्षा के पूर्व परीक्षा कक्ष को सेनेटाईज कराया जाए लेकिन यदि किसी सक्षम जांच एजेंसी से जांच कराई जाए तो आश्चर्यजनक खुलासा होगा कि अधिकांश परीक्षा केंद्र आज तक एक दिन भी सेंनेटाईज नहीं किए गए हैं ।प्रत्येक पाली की बात कौन करें? यहां तक की परीक्षा के मुख्य द्वार पर भी परीक्षार्थियों को सैनिटाइज करने की व्यवस्था नहीं है ।परीक्षा कक्ष में सैनिटाइजर रखना तो दूर की बात है। किन-किन परीक्षा केंद्रों पर कितने थर्मल स्कैनर और आक्सोमीटर परीक्षा अवधि के दौरान रखे गए हैं यह परीक्षा केंद्रों के सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग से जाना जा सकता है। बहुविकल्पीय प्रश्न पत्रों के माध्यम से होने वाली परीक्षा नकल माफियाओं के लिए काफी रास आ रही है और इसका असर निश्चित रूप से अगले सत्र में प्रवेश के ऊपर देखने को मिलेगा।जहां नकल की पर्याप्त सुविधा दी जा रही है निश्चित रूप से अगले सत्र में वहां छात्रों के प्रवेश संख्या में वृद्धि होगी और जहां नकल की सुविधा नहीं है वहां का प्रवेश प्रभावित होगा। विश्वविद्यालय द्वारा गठित सचल दल भी इन नकल माफियाओं पर नकेल कसने में कितना सफल हो रहा है यह तो वही जाने लेकिन बदनाम परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा दे रहे परीक्षार्थियों की माने तो 10 मिनट के अंदर ही नकल माफिया अपने मंसूबे में कामयाब हो जा रहे हैं।